अयोध्या

प्रत्येक कार्यकर्ता की लगन से ही सभी कार्य संभव होता है: आशुतोषानंद त्रिपाठी

अयोध्या ब्यूरो प्रमुख संतोष सिंह ( कंट्रोल इंडिया ब्यूरो )

अयोध्या। भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में दशकों से सामाजिक क्षेत्र में लोगों की सेवा करने वाली संस्था श्री सेवा संस्थान निरंतर अपना दायरा बढ़ती जा रही है और संस्था से जुड़कर सैकड़ो लोग सेव करके अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। संस्थान पिछले कई वर्षों से अयोध्या में होने वाली परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सबसे आवश्यक आवश्यकता दवा मरहम पट्टी की व्यवस्था करती आ रही है और जब मई, जून की तपती धूप होती है और जब अयोध्या में आने वाले श्रद्धालु पानी की तलाश करते हैं ऐसे में श्रद्धालुओं के प्यास को बुझाने का कार्य श्री सेवा संस्थान करती जा रही है। रविवार 24 नवंबर को संस्थान से जड़कर सेवा करने वाले संस्थान के कार्यकर्ताओं को संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोषानंद त्रिपाठी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यालय पर समीक्षा बैठक में सभी का सम्मान करके आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोषानंद त्रिपाठी ने कहा कि संस्थान के प्रत्येक कार्यकर्ता की लगन से ही हर कार्य संभव होता है और सम्मान से कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में संस्थान अपने कार्य क्षेत्र में और विस्तार करेगी इसके लिए प्रत्येक कार्यकर्ता को तन, मन, धन तीनों से तैयार होना होगा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत अवधेश दास ने कहा कि संस्था के विकास के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता को वार्षिक सदस्यता शुल्क के साथ सहयोग राशि भी जमा करना होगा जिस संस्थान सामाजिक क्षेत्र में संस्थान अपने भागेदारी को बढ़ा सकें। आचार्य रणंजय शास्त्री ने कहा कि अयोध्या की वर्तमान स्थिति को देखते हुए संस्था को कार्य क्षेत्र में विस्तार करना होगा जिसमें प्रत्येक माह बैठक हो और सभी सदस्य उपस्थित होकर के अपने विचार दें। बैठक का संचालन संस्थान के महासचिव ओंकार नाथ पांडेय ने किया और साथ ही आये हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। ‌ इस अवसर पर संजय कृष्ण श्रीवास्तव मदन सिंह उर्फ ज्वाला सिंह, भानु प्रताप सिंह,अजेंद्र कुमार पांडे को संस्थान परिवार द्वारा प्रशस्ति-पत्र एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संतोष कुमार द्विवेदी, सचिव विजेंद्र कुमार श्रीवास्तव आयुष पांडे सौरभ चंद्र शुक्ला आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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