सब रणनीति हो रही है फैल फिर भी चल रहा है ओवर रेट आबकारी निरीक्षक कार्यवाही करने मे असमर्थ
कंट्रोल इंडिया ब्यूरो

आखिर क्यों अनुज्ञापियो को नही आबकारी विभाग का डर कम्पोजिट दुकान देवला नम्बर 1
ग्रेटर नोएडा ( कंट्रोल इंडिया ब्यूरो ) जनपद गौतम बुध नगर में ओवर रेट रुकने का नाम नहीं ले रहा है एक तरफ आबकारी विभाग बड़े-बड़े दावे कर रहा है। दूसरी तरफ अगर हम जमीनी हकीकत की बात करें तो सभी दावे हवा हवाई दिख रहे हैं। हम ऐसी बातें इसलिए कर रहे हैं क्योंकि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती लेकिन जनपद गौतम बुद्ध नगर के आबकारी विभाग के सामने प्रत्यक्ष होने के बाद भी प्रमाण की आवश्यकता देनी पड़ती है। क्योंकि कहीं ना कहीं इस ओवर रेट माफिया का संरक्षण मंडल इतना बड़ा होता है कि इस पर कार्यवाही करना कहीं ना कहीं आबकारी निरीक्षक को अपनी नौकरी को भी दाव पर लगानी पड़ जाती है।
सिर्फ इसी कारण अनुज्ञापियो के हौसले सातवे आसमान पर है लेकिन निरंतर आबकारी अधिनियमों का उल्लंघन किया जा रहा है लेकिन फिर भी आबकारी विभाग मौन है दिख रहा है दुकानों पर ओवर रेट माफिया किस तरीके से आम जनता को लूट रहे हैं लेकिन आबकारी विभाग कार्यवाही ना करके अनुज्ञापियों के हौसलों को बुलंद कर रहा है। जिससे कि आने वाले समय में यह भी होना कोई बड़ी बात नहीं होगी कि शराब खरीदारों के साथ में मारपीट करना आम बात बन कर रह जाएगी। जैसे कि हमने कई बार देखा है कि शराब की दुकानों पर ओवर रेट के विवाद को लेकर कई बार विक्रेताओं द्वारा ग्राहक को मारा भी जाता है लेकिन ग्राहक भी क्या करें पीनी है शराब तो देना पड़ेगा ओवर रेट ऐसा ही मामला सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो रहा है कि ग्रेटर नोएडा स्थित देवला 1 की कंपोजिट शराब सूरजपुर रोड पर स्थित दुकान अनुज्ञापी मनजीत चोजहार पर देखने को मिला है।
जिसमें गॉडफादर की केन जिसका मूल्य ₹130 निर्धारित है लेकिन विक्रेता द्वारा उसको 150 रुपए में बिक्री की जा रहा है वीडियो में साफ देखा जा सकता है। कि किस तरीके से यह खेल चल रहा है यह कहना कोई गलत नहीं है की बिना संरक्षण के यह काम होना संभव ही नहीं है। क्योंकि अगर हम बात करें ओवर रेट के आबकारी अधिनियम के तहत जुमाने के तहत कार्यवाही की जाती है।अनुज्ञापी पर वह जुर्माने की राशि पहली बार 75000 दूसरी बार 150000 तीसरी बार दुकान निलंबित की कार्यवाही की जाती है। लेकिन इतनी ठोस कार्रवाई होने के बावजूद भी जिसमें 75000 का आर्थिक दंड अनुज्ञापी के ऊपर दिया जाना चाहिए लेकिन कहीं ना कहीं आबकारी विभाग ले देकर मामले को रफा-दफा कर देता है। यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया के माध्यम से हर दिन शिकायतें आती हैं। लेकिन विभाग कार्रवाई न करके अनुज्ञापी को संरक्षण दे रहा है आखिर यह संरक्षण देने की प्रथा जिसमें जनता को ओवर रेट माफियाओं के हाथ में कठपुतली की तरह छोड़ दिया जाता है और ओवर रेट वसूला जाता है इसका जिम्मेदार कौन है क्या जिम्मेदारों को इस चीज की जानकारी नहीं कि जनपद में चल क्या रहा है