उत्तर प्रदेश

आस्था के पर्व पर उमड़ा भक्तों का सैलाव,भाई-बहनों ने यम फांस से मुक्ति के लिए लगाई पवित्र यमुना में डुबकी

मनोज कुमार शर्मा कंट्रोल इंडिया ब्यूरो मैनपुरी

मथुरा: यम द्वितीया यानी भैयादूज पर मथुरा के ऐतिहासिक विश्राम घाट पर यमुना स्नान के लिए आस्था का सैलाब उमड़ा. देशभर से हजारों श्रद्धालु मथुरा आए और ब्रह्म मुहूर्त से ही यमुना स्नान शुरू कर दिया. यम की फांस से मुक्ति पाने की अभिलाषा लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा ,पंजाब, राजस्थान सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने यमुना स्नान किया, इन श्रद्धालुओं में भाई बहनों ने साथ साथ पवित्र यमुना नदी में डुबकी लगाई।

भाई बहन के अटूट प्रेम का त्योहार भैयादूज देश भर में मनाया जा रहा है, लेकिन मथुरा में इसे लेकर कुछ अलग ही धार्मिक मान्यता है, कि सूर्य पुत्री श्री यमुना और सूर्य पुत्र यमराज बहन भाई थे, एक बार यमराज बहन यमुना के आग्रह पर अपनी बहन के घर पहुंचे, बहन यमुना ने अपने भाई यमराज की बहुत आव भगत की यमराज बहन यमुना द्वारा की गई खातिर दारी से अत्यंत प्रसन्न हुए चलते समय अपनी बहन यमुना से वरदान मांगने का आग्रह करने लगे बहन यमुना द्वारा बार बार मना किया गया भईया आपके आशीर्वाद से सभी सुख सुविधाओं से संपन्न हूं, मुझे किसी भी प्रकार की कोई वस्तु नहीं चाहिए बस आपका प्रेम बना रहे इस पर भाई यमराज ने कहा में आपके द्वारा आया और खाली हाथ जाऊं तो मेरी जग हंसाई होगी कुछ तो आपको मेरे मान की खातिर लेना होगा, इस पर बहन यमुना द्वारा कहा अगर आप इतना आग्रह कर रहे है, तो आप मुझे एक वरदान दे दीजिए कि जो भक्त यमुना स्नान करे वो आपके लोक को ना जाए।

यह शब्द सुनते ही यमराज सकते मै आ गए बोले बहन आपने ये कैसा वरदान मांग लिया इससे तो मेरे अस्तित्व पर ही संकट आ जाएगा यमुना की निर्मल धारा हजारों किलोमीटर के दायरे मै बह रही है तमाम पापी लोग यमुना स्नान कर मुक्त हो जायेगे मेरे लोक मै आयेगा ही कौन इस पर बहन यमुना द्वारा अपने वरदान मै संशोधन करते हुए कहा जो व्यक्ति कार्तिक मास की दौज को मथुरा के पुण्य तीर्थ विश्राम घाट पर अपनी बहन के साथ स्नान करेगा वह आपके लोक को नहीं जाएगा उसी दिन से भारत वर्ष में यम द्वितीया पर्व की शुरुआत हुई।

यहां इस दिन यम की फांस से मुक्ति की कामना लेकर भाई-बहन यमुना में डुबकी लगाते हैं मथुरा के यमुना तट पुण्य विश्राम घाट पर यमुना धर्म राज का प्राचीन मंदिर है,स्नान के बाद भाई बहन इनका दर्शन करते हैं यमुना जी को वस्त्र, श्रृंगार सामग्री और धर्मराज को काला वस्त्र अर्पित करते हैं।

यम द्वितीया पर यमुना घाटों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है, विश्राम घाट और उसके आसपास के सभी घाटों पर बल्लियां बांध दी गई है, यमुना में 25 फीट तक श्रद्घालुओं के स्नान की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बल्लियां लगाई गई हैं. यहां पीएसी के गोताखोरों की तैनाती भी की गई है, यहां सुरक्षा व्यवस्था के अच्छे इंतजाम किए गए हैं ।

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